Jhansi medical college: उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हुआ, जब शिशु वॉर्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. ऑक्सीजन पाइप में लगी आग इतनी तेजी से फैली कि डॉक्टरों को संभलने का मौका ही नहीं मिला. इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज है तो वहीं अस्पताल प्रशासन की एक और लापरवाही सामने आई है. एक तरफ अस्पताल के इस हादसे के बाद परिजनों और लोगों में दुख के साथ गुस्सा भी है तो वहीं दूसरी तरफ यूपी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आगमन को लेकर अस्पताल परिसर में रंगाई-पुताई और चूना डालने का काम होता दिखाई दिया है.
असल में हुआ यह कि हादसे के बाद यह बात सामने आई कि यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक झांसी अस्पताल पहुंचने वाले हैं. इस खबर के सामने आने के बाद उनके आगमन से पहले ही अस्पताल परिसर और उसके आसपास के क्षेत्र में चूने का छिड़काव और सफाई शुरू हो गई. आरोप है कि कि अस्पताल की गंदगी तभी साफ की गई जब डिप्टी सीएम का दौरा तय हुआ. अस्पताल प्रशासन की इस संवेदनहीनता ने सोशल मीडिया पर भी लोगों को आक्रोशित कर दिया.
इस मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की सफाई आ गई. उन्होंने एक वीडियो मैसेज जारी करते हुए कहा कि यह कृत्य स्वीकार योग्य नहीं है. उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जिन लोगों ने चूना डालने और रंगरोगन का काम कराया, उनकी पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाए. पाठक ने कहा कि वह हादसे की गंभीरता को समझते हैं और आधी रात को ही झांसी के लिए रवाना हुए थे, लेकिन इस तरह की गतिविधियों का समर्थन नहीं किया जा सकता.
उधर झांसी मेडिकल कॉलेज में इस आग की घटना ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं. फायर अलार्म क्यों नहीं बजा? आग बुझाने के उपकरण का इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ? क्या फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर हो चुका था? क्या अस्पताल की स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट की गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा था? ये सवाल अब जांच का विषय हैं और प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है..
इन सबके बीच कांग्रेस ने घटना को लेकर BJP सरकार पर कड़ा प्रहार किया है. कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि जब एक ओर बच्चे जलकर मर रहे थे, उनके परिवार रो रहे थे, वहीं दूसरी ओर डिप्टी सीएम के स्वागत के लिए चूने का छिड़काव हो रहा था. कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसे सरकार की संवेदनहीनता बताया और कहा कि सरकार चेहरा चमकाने में व्यस्त है, जबकि मासूम बच्चों की जान चली गई.
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